चार चार मेरे बहू आ गई आ गई चतुर चलाक लिरिक्स Char Bahu Aa Gayi Chatur Chalak Lyrics
चार चार मेरे बहू आ गई आ गई चतुर चलाक लिरिक्स Char Bahu Aa Gayi Chatur Chalak Lyrics, Log Geet By Suman Sharma
चार चार मेरे बहू आ गई,आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
पहली बहू से,
मैंने पानी मांगा,
पानी दे दो गिलास,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
गर्म पानी तेरा बेटा पी गया,
ठंडा पानी तेरा पोता पी गया,
टंकी हो गई खाली,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
दुजी बहू से मैंने रोटी मांगी,
सब्जी रोटी दे दो घाल,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
रोटी तो तेरा बेटा खा गया,
सब्जी तो तेरा पोता खा गया,
ताश में लिपटा चुन,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
तीजी बहू से मैंने कपड़े मांगे,
दे दो जर्सी सोल,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
जर्सी तो सासु मैंने पहन ली,
सोल तेरी पोती ने ओढ़ ली,
चादर में हो गया छेद,
राम जाने क्या हो गया,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
चौथी बहू से,
मैंने खटिया मांगी,
दे दो कंबल खेस,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
कंबल तो ड्राई क्लीन,
पे चला गया,
खेस तेरा सासु बेटा ले गया,
खटिया के टूटे बान,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
राम नाम की ओढी चुनरिया,
हरि चरणामृत नीर पी लिया,
सो गई चादर तान,
राम जाने क्या होगा।
माला जपी हरी भोजन पाया,
सो गई चादर तान,
राम जाने क्या होगा,
चार चार मेरे बहू आ गई,
आ गई चतुर चलाक,
राम जाने क्या होगा।
लोक गीत श्रेणी : लोकगीत Lokgeet/Folk Song