श्री डिग्गी वाले नाथ हरे आरती लिरिक्स Diggi Wale Nath Aarti Lyrics, Diggi Wale Nath Aarti Lyrics in Hindi Complete
श्री डिग्गी वाले नाथ हरे,देवा अंजनी के लाल हरे,
पीलीबंगा धाम विराजत,
पीलीबंगा धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे,
ओम डिग्गी वाले नाथ हरे।
दक्षिण मूरत आपकी,
भक्तों के कष्ट करे,
देवा, भक्तों के कष्ट करे,
तन सिंदूरी चोला,
तन सिंदूरी चोला,
कुण्डल कर्ण पड़े,
ॐ डिग्गी वाले नाथ हरे।
गल मोतियन की माला,
सर पर मुकुट धरे,
देवा, सर पर मुकुट धरे,
पूनम ज्योत में बाबा,
पूनम ज्योत में बाबा,
भिन्न भिन्न रूप धरे,
ॐ डिग्गी वाले नाथ हरे।
कंचन थाल आरती,
कुंकुम दीप सजे,
देवा, कुंकुम दीप सजे,
सुर नर आरती उतारे,
जय जयकार करे,
ॐ डिग्गी वाले नाथ हरे।
झालर शंख नगाड़ा,
सिर पर चंवर ढुरे,
देवा, सिर पर चंवर ढुरे,
नर नारी दरशन को,
आकर द्वार खड़े,
ॐ डिग्गी वाले नाथ हरे।
मोदक खीर चूरमा,
नागर पान चढ़े,
देवा, नागर पान चढ़े,
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे,
ॐ डिग्गी वाले नाथ हरे।
श्री डिग्गी वाले बाबा की आरती,
जो जन नित्य करे,
देवा, जो जन नित्य करे,
कहत भरतदास स्वामी,
रटत तुलसीदास स्वामी,
सब विधि काज सरे,
ॐ डिग्गी वाले नाथ हरे।
श्री डिग्गी वाले नाथ हरे,
देवा अंजनी के लाल हरे,
पीलीबंगा धाम विराजत,
पीलीबंगा धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे,
ओम डिग्गी वाले नाथ हरे।
भजन श्रेणी : हनुमान भजन (Hanuman Bhajan)
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