हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हम अज्ञानी, ज्ञान की देवी,
हमपे तुम उपकार करो
सरस्वती मां हम बच्चों को भी,
तुम थोडा प्यार करो,
कंठ विराजो जे तुम मैया,
गुंगा भजन सुनाये है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
सुर की देवी सरस्वती,
ज्ञान की ज्योत जलाती हो,
जग को जिता है उसने,
जिसपे तुम नयन घुमाती हो,
संतों ने हे मैया,
तेरी महिमा गायी है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
पाप बढ़ा ज्यादा रावन का,
तुमको जब एहसास हुआ,
मती फेर दी रावन की,
तो उसका विनाश हुआ,
विणा धारक,कष्ट निवारक,
मंत्र तेरे अपनाये हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
शब्दों में सुर को मिला के,
जग का है उद्धार किया,
दे दो ज्ञान हमें हे मैया,
विनती है हर बार किया,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हम अज्ञानी, ज्ञान की देवी,
हमपे तुम उपकार करो,
सरस्वती मां हम बच्चों को भी,
तुम थोडा प्यार करो,
कंठ विराजो जे तुम मैया,
गुंगा भजन सुनाये है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं....
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हम अज्ञानी, ज्ञान की देवी,
हमपे तुम उपकार करो
सरस्वती मां हम बच्चों को भी,
तुम थोडा प्यार करो,
कंठ विराजो जे तुम मैया,
गुंगा भजन सुनाये है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
सुर की देवी सरस्वती,
ज्ञान की ज्योत जलाती हो,
जग को जिता है उसने,
जिसपे तुम नयन घुमाती हो,
संतों ने हे मैया,
तेरी महिमा गायी है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
पाप बढ़ा ज्यादा रावन का,
तुमको जब एहसास हुआ,
मती फेर दी रावन की,
तो उसका विनाश हुआ,
विणा धारक,कष्ट निवारक,
मंत्र तेरे अपनाये हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
शब्दों में सुर को मिला के,
जग का है उद्धार किया,
दे दो ज्ञान हमें हे मैया,
विनती है हर बार किया,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं.....
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हम अज्ञानी, ज्ञान की देवी,
हमपे तुम उपकार करो,
सरस्वती मां हम बच्चों को भी,
तुम थोडा प्यार करो,
कंठ विराजो जे तुम मैया,
गुंगा भजन सुनाये है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं....
हंस वाहिनी सुर की देवी भजन लिरिक्स Hans Wahini Sur Ki Devi Lyrics
Singer - Aakash Singh
Lyrics - Pankaj Maurya
Composer - B k Singh
Music - Rahul Mehra Ritesh Darpan
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