हंस वाहिनी सुर की देवी लिरिक्स Hans Wanini Sur Ki Devi Lyrics

हंस वाहिनी सुर की देवी लिरिक्स Hans Wanini Sur Ki Devi Lyrics, Saraswati mata Bhajan

हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हम अज्ञानी, ज्ञान की देवी,
हमपे तुम उपकार करो
सरस्वती मां हम बच्चों को भी,
तुम थोडा प्यार करो,
कंठ विराजो जे तुम मैया,
गुंगा भजन सुनाये है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हँस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं।

सुर की देवी सरस्वती,
ज्ञान की ज्योत जलाती हो,
जग को जिता है उसने,
जिसपे तुम नयन घुमाती हो,
संतों ने हे मैया,
तेरी महिमा गायी है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हँस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं।

पाप बढ़़ा ज्यादा रावन का,
तुमको जब एहसास हूँआ,
मती फेर दी रावन की,
तो उसका विनाश हूँआ,
विणा धारक,कष्ट निवारक,
मंत्र तेरे अपनाये हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हँस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं।

शब्दों में सुर को मिला के,
जग का है उद्धार किया,
दे दो ज्ञान हमें हे मैया,
विनती है हर बार किया,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हँस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं।

हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हम अज्ञानी, ज्ञान की देवी,
हमपे तुम उपकार करो,
सरस्वती मां हम बच्चों को भी,
तुम थोडा प्यार करो,
कंठ विराजो जे तुम मैया,
गुंगा भजन सुनाये है,
हंस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं,
हँस वाहिनी सुर की देवी,
तेरे शरण में आयें हैं।




 
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