जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली,
प्रेमियों कि आज सच्ची दिवाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
सन्मुख विराजै श्रीं राम हमारे,
श्री आनन्दपुर वासी,
ये है अयोधया,
ये है मथुरा,
ये ही है तीर्थ काशी,
मिल रहा जो आनन्द,
कैसे करे वर्णन,
हम ने दौलत है,
खुशियों की पाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
मेरे प्रभु के नूर से देखो,
रोशन जहां है ये प्यारा,
ज्ञान का दीपक जलाकर,
मोह का दूर किया अंधियारा,
रोशनी बख्श दी,
अपने सच्चे नाम की,
जिंदगी सबकी रोशन बना दी,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
प्रभु प्रेम का दीपक दिल में,
जो प्रेमी है जगाते,
मन मंदिर में प्रभु को बिठा कर,
सच्ची दिवाली मनाते,
पाकर चरणों का प्यार,
रहे सदा खुशहाल,
मिल गये दो जहां नो के वाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
श्रद्धा के ताल में प्रेम का दीपक,
दास करे गुरु पूजन,
देते मुबारक वादे प्रभु को,
कुर्बान करते है तन मन,
नाम और भक्ति के सदा दीप जले,
हो मुबारक सभी को दिवाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
छाई है आज खुशहाली,
प्रेमियों कि आज सच्ची दिवाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
सन्मुख विराजै श्रीं राम हमारे,
श्री आनन्दपुर वासी,
ये है अयोधया,
ये है मथुरा,
ये ही है तीर्थ काशी,
मिल रहा जो आनन्द,
कैसे करे वर्णन,
हम ने दौलत है,
खुशियों की पाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
मेरे प्रभु के नूर से देखो,
रोशन जहां है ये प्यारा,
ज्ञान का दीपक जलाकर,
मोह का दूर किया अंधियारा,
रोशनी बख्श दी,
अपने सच्चे नाम की,
जिंदगी सबकी रोशन बना दी,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
प्रभु प्रेम का दीपक दिल में,
जो प्रेमी है जगाते,
मन मंदिर में प्रभु को बिठा कर,
सच्ची दिवाली मनाते,
पाकर चरणों का प्यार,
रहे सदा खुशहाल,
मिल गये दो जहां नो के वाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
श्रद्धा के ताल में प्रेम का दीपक,
दास करे गुरु पूजन,
देते मुबारक वादे प्रभु को,
कुर्बान करते है तन मन,
नाम और भक्ति के सदा दीप जले,
हो मुबारक सभी को दिवाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली,
प्रेमियों कि आज सच्ची दिवाली,
जग मग दीप जले है,
छाई है आज खुशहाली।