कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है, सुन्दर सींग नयन मतवाले, कोमल कान कमल से प्यारे, पकड़ो दीनानाथ, मृग मेरे मन को भाया है, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
सीता करे अचम्भा मन में, ऐसा मृग नही देखा वन में,
मोटे मोटे नैनो वाला, मृग मेरे मन को भाया, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
राम ने मानी बात सिया की, रामचंद्र जी जैसे ज्ञानी, धनुष बाण लिए हाथ, राम ने तीर चलाया है, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
Kajal Malik Bhajan Lyrics Hindi,Latest Newest Bhajans With Complete Lyrics (Viral Bhajan with Lyrics Hindi Text)
खीचा धनुष हिरण को मारे, हाय प्रिय हाय प्रिय, लखन पुकारे, सुने राम के बोल, सिया का मन घबराया है, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
सुनो लक्ष्मण जल्दी जाओ, अपने भाई के प्राण बचाओ,
मेरे नाथ पे आज बड़ा, कोई संकट आया है, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
लक्ष्मण बोले सुनो मेरी माता, उनको कौन मारने वाला, वो त्रिलोक के नाथ, ये उनकी अद्भुत माया है, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है, सुन्दर सींग नयन मतवाले, कोमल कान कमल से प्यारे, पकड़ो दीनानाथ, मृग मेरे मन को भाया है, हाँ कैसा सुन्दर मृग, वनो में चरने आया है।
कैसा सुन्दर मृग वनो में चरने आया है | Kaisa Sundar Mrig Vano Mein Charne Aaya Hain | Kajal Malik