कलयुग के कथा कीर्तन में कोई राम कहे

कलयुग के कथा कीर्तन में कोई राम कहे

कलयुग के कथा कीर्तन में
कोई राम कहे कोई श्याम कहे.......।

कोई बात करे कोई भजन करे
कोई सोवे झपकी ले ले के
कलयुग के कथा कीर्तन में
कोई राम कहे कोई श्याम कहे.......।

कोई कहता है ये समय कटे
जल्दी से अब प्रशाद मिले
प्रशाद की कर बेईमानी
दोने ले जाते अनगिनते
कलयुग के कथा कीर्तन में
कोई राम कहे कोई श्याम कहे.......।

कोई देखे चप्पल नई नई
कोई जोड़ी लावे कई कई
चप्पल वाले चप्पल ढूंढे
और चोर हँसे दे दे ताली
कलयुग के कथा कीर्तन में
कोई राम कहे कोई श्याम कहे.......।

कोई दूर से पैसे फैकता है
कोई दूर से माथा टेकता है
देने की तो शृद्धा है ही नही
भगवन से कहते दे दे हमे
कलयुग के कथा कीर्तन में
कोई राम कहे कोई श्याम कहे.......।



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