कैकई प्रसंग भजन लिरिक्स Kekaiyi Prasang Bhajan Lyrics, Shri Ram Bhajan by Singer - Nazia Chahat
असुरों का नाश करने के लिये,विष्णु ने लिया था राम अवतार,
असुरों का नाश करने के लिये,
विष्णु ने लिया था राम अवतार,
फिर काहे कैकई माँ को,
फिर काहे कैकई माँ को,
दोष लगाते हो बार बार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार।
राम राज अगर तभी हो जाता,
फिर रावण को कौन मार पाता,
राम राज अगर तभी हो जाता,
फिर रावण को कौन मार पाता,
इसलिये सरस्वती के द्वारा,
मंथरा का दिमाग भ्रष्ट हो जाता,
फिर मंथरा ने भरे ऐसे कान,
राम को छोडना पड़ा घर द्वार,
असुरों का नाश करने के लिये,
विष्णु ने लिया था राम अवतार,
फिर काहे कैकई माँ को,
फिर काहे कैकई माँ को,
दोष लगाते हो बार बार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार।
सारी अयोध्या में मातम छाता,
हर एक कैकई को दोष लगता,
क्या दशरथ क्या लक्ष्मण को,
विधि का विधान समझ न आता,
राम वियोग में दशरथ आकर,
प्राण देने को किया स्वीकार,
असुरों का नाश करने के लिये,
विष्णु ने लिया था राम अवतार,
फिर काहे कैकई माँ को,
फिर काहे कैकई माँ को,
दोष लगाते हो बार बार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार।
असुरों का नाश करने के लिये,
विष्णु ने लिया था राम अवतार,
असुरों का नाश करने के लिये,
विष्णु ने लिया था राम अवतार,
फिर काहे कैकई माँ को,
फिर काहे कैकई माँ को,
दोष लगाते हो बार बार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार,
ये है राम अवतार।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)