कृष्ण मुरारी हरि अवतारी भजन
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
संतन के है सदा हितकारी,
संतन के है सदा हितकारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी।
बृज सो धाम नहीं,
गोकुल सा गांव नहीं,
चलो रे चलो बृज धाम,
जमुना सो जल नहीं,
कदम सी छांव नहीं,
चलो रे चलो बृज धाम,
कृष्णा कृष्णा रटते रटते,
राधा हुई दीवानी रे,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
संतन के है सदा हितकारी,
संतन के है सदा हितकारी।
कृष्ण पुकारे जब द्रोपद ने,
आये लाज बचाई,
गये सुदामा धाम द्वारका,
कृष्ण ने रीत निभाई,
कृष्णा कृष्णा रटते रटते,
विप्र हुए दिन दानी रे,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
संतन के है सदा हितकारी,
संतन के है सदा हितकारी।
बने सारथी कृष्ण युद्ध में,
धर्म का मान बढ़ाया,
हारे कौरव जीते पांडव,
कर्म का पाठ पढ़ाया,
कृष्णा कृष्णा रटते रटते,
भीष्म ने ली थी विदाई रे,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
संतन के है सदा हितकारी,
संतन के है सदा हितकारी।
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
संतन के है सदा हितकारी,
संतन के है सदा हितकारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी,
कृष्ण मुरारी हरि अवतारी।