जब भी जन्मू इस दुनिया में क्षत्राणी की कोख

जब भी जन्मू इस दुनिया में क्षत्राणी की कोख दिये

राजपूत जाति में भोले,
जन्म तु एक बार और दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये,
राजपूत जाति में भोले,
जन्म तु एक बार और दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये।

ठाकुर की शान पर ठेस लगे,
तो गाड दे भाला छाती पर,
युगों युगों तक गर्व किया,
भारत ने क्षत्रीय जाति पर,
धर्म की खातिर शीश कटा दिये,
मांऔ ने ना शोक किये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये।

कोठी बंगले हवेली क्या है,
रजवाड़ौ मे राज करे,
कुत्ते बिल्ली कभी ना मारे,
शेरो के ही शिकार करे,
अरे चौड़ी छाती करके चाले,
दुश्मन सारे ठौक दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये।

देश धर्म की रक्षा करते,
पापीयो का संहार करे,
श्री राम के वंशज हैं हम,
पिठ पिछे ना वार करे,
दिन धौड़ी सरकार हिला दे,
रस्ते सारे रोक दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये।

सारे जग मे घुम के देखो,
राजपुत से ना बलशाली,
रणभूमि मे जब लड़ते,
बहा देते खून की नाली,
रे कलम चलावे अभय,
भाटी यू डी राणा तू बौल दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये।

राजपूत जाति में भोले,
जन्म तु एक बार और दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये,
राजपूत जाति में भोले,
जन्म तु एक बार और दिये,
जब भी जन्मू इस दुनिया में,
क्षत्राणी की कोख दिये।

लोक गीत श्रेणी : लोकगीत Lokgeet/Folk Song


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