क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा लिरिक्स

क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा लिरिक्स


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क्षण भंगुर काया,
तू कहां से लाया,
गुरु वंश समझाया,
पर समझ ना पाया,
यह सांस निगोड़ी,
चलती रुक थोड़ी,
चल चल रुक जावे,
क्या खोया पाया।

क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
ओ बंधु रे।

क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
ओ बंधु रे।

ओ मन सुन जोगी बात,
यहां माया करती घाट,
आ तब भीतर समझात,
मूर्ख ना समझे बात,
हे ईश्वर तेरे साथ,
काहे मनवा घबरात,
हो रामा सुमेर दिन रात,
कष्ट सब कट जात,
हां सब यही छोड़ जायेगा,
छोड़ जायेगा,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
ओ बंधु रे।

क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
ओ बंधु रे,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
क्या लेके आयो जग में,
क्या लेके जायेगा,
ओ बंधु रे।



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भजन का अर्थ

यह भजन क्षण भंगुर जीवन की याद दिलाता है। यह भजन हमें यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि हम इस दुनिया में क्या लेकर आए हैं और हम इस दुनिया से क्या लेकर जाएंगे।  भजन हमें जीवन के वास्तविक अर्थ के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि हम इस दुनिया में केवल एक छोटी सी अवधि के लिए हैं। यह भजन हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन का उपयोग कुछ अच्छा करने के लिए करना चाहिए।
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