कैसे भूलूंगा मैया मैं तेरा उपकार भजन

कैसे भूलूंगा मैया मैं तेरा उपकार भजन

(मुखड़ा)
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार।।

(अंतरा)
घूम रही आँखों के आगे,
बीते कल की तस्वीरें,
नाकामी और मायूसी,
संगी-साथी थे मेरे,
दर-दर भटक रहा था,
दर-दर भटक रहा था,
मैं बेबस और लाचार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार।।

कभी-कभी तो सोचूँ कैसे,
खेती टूटी नैया को,
अगर नहीं बनती तुम मैया,
आकर मेरी खिवैया तो,
डूब ही जाती मेरी,
माँ, डूब ही जाती मेरी,
ये नैया तो मझधार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार।।

बोझ तेरे अहसानों का,
सोनू पर इतना ज्यादा है,
कम करने की कोशिश में ये,
और भी बढ़ता जाता है,
माँ, उतर ना पाए कर्जा,
कभी उतर ना पाए कर्जा,
चाहे लूँ जन्म हजार,
कैसे भूलूँगा दादी, मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा दादी, मैं तेरा उपकार।।

(पुनरावृति)
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार,
कैसे भूलूँगा मैया, मैं तेरा उपकार।।
 


बड़े से बड़े इंसान की हक़ीक़त बयान कर गया ये भजन | Devi Geet | Sherwali Bhajan | Matarani Bhajan
Next Post Previous Post