मेरा मुझ में कुछ नहीं जो कुछ है सो तोर लिरिक्स Mera Mujh Me Kuch Nahi Hai Lyrics

मेरा मुझ में कुछ नहीं जो कुछ है सो तोर लिरिक्स Mera Mujh Me Kuch Nahi Hai Lyrics, Devotional Bhajan

मेरा मुझ में कुछ नहीं
जो कुछ है सो तोर
तेरा तुझको सौपता
क्या लागे है मोर
मेरा मुझ में कुछ नहीं
जो कुछ है सो तोर
तेरा तुझको सौपता
क्या लागे है मोर
कबीरा सी कुसमुंद की
रटे प्यास प्यास
कबीरा सी कुसमुंद की
रटे प्यास प्यास
समुदय तिण का भरी गणे

स्वाति बूँद की आस
कबीर रेख सिन्दूर की
काजर दिया न जार
नैनु रमैया रामी रहा
दूजा कहाँ समाल
जेवो एके जाणिया
तौ जाणिया सब जाण
जेवो एके जाणिया
तौ जाणिया सब जाण
जेवो एक ना जाणिया
तो सब ही जाणिया जाय
कबीर एक न जाणिया
तौ बहुजाणिया क्या होयी

एक ते सब होत है
सब ते एक न होयी
जब लगी भगति सकामताम
तब लग निर्फल सेव
जब लगी भगति सकामताम
तब लग निर्फल सेव
कही कबीर वे क्यों मिले
निहिटाग्नि निज देह
कबीर कुता राम का
मुदिया मेरा नाम
गले राम की जेवणी
जित्त खेंचे तिथ जाऊ





मेरा मुझ में कुछ नहीं | Mera Mujh Mein Kuch Nahin | Anup Jalota | Kabir Amritwani | Tips Bhakti Prem मेरा मुझ में कुछ नहीं जो कुछ है सो तोर लिरिक्स Mera Mujh Me Kuch Nahi Hai Lyrics

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