मेरा प्रथम निमंत्रण आप को गजानंद

मेरा प्रथम निमंत्रण आप को गजानंद सरकार

 
मेरा प्रथम निमंत्रण आप को गजानंद Mera Pratham Nimantran Gajanand Lyrics

प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार,
तेरा नाम लिया है पहले,
अब सुनले मेरी पुकार,
प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार,
तुझे आना होगा,
तुझे आना होगा।

सब देवो में सबसे पहले,
होती है तेरी पूजा,
तीनो लोक में नहीं देखा,
देव नही तुमसा दूजा,
तुम्हे श्रद्धा से है बुलाया,
आना मूषक पे सवार,
प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार
तुझे आना होगा,
तुझे आना होगा।

सिद्धि और सिद्धि के दाता,
आकर मान बढ़ा जाओ,
प्रेम भव से करे प्रार्थना,
आकर भोग लगा जाओ,
क्या सोच रहे भगवन,
अब कैसा है सोच विचार,
प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार,
तेरा नाम लिया है पहले,
अब सुनले मेरी पुकार,
प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार।

प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार,
तेरा नाम लिया है पहले,
अब सुनले मेरी पुकार,
प्रथम निमंत्रण आपको,
गजानंद सरकार,
तुझे आना होगा,
तुझे आना होगा।

यह गीत भक्ति और श्रद्धा का एक सुंदर उदाहरण है, जो भगवान गणेश के प्रति समर्पित है। ‘गजानंद सरकार’ के रूप में भगवान गणेश को प्रथम निमंत्रण देने की परंपरा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। इस गीत में गणेश जी को उनके वाहन, मूषक (चूहा) पर सवार होकर आने का आग्रह किया गया है, जो उनकी विनम्रता और सरलता का प्रतीक है। गीत के बोल में तीनों लोकों में उनके जैसा कोई दूसरा देव नहीं होने की बात कही गई है, जो उनकी अनूठी और अद्वितीय दिव्यता को दर्शाता है।
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