मेरी मटकी को मार गया ढेला लिरिक्स Meri Mataki Ko Maar Gaya Dhela Lyrics, Krishna Bhajan by Guru Mandali Kirtan
मेरी मटकी को मार गया ढेला,मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी चीर चुराये,
कभी मटकी गिराये,
कभी माखन चुराये अकेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी गवालो के संग,
कभी गोपियों के संग,
कभी राधा के संग अकेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी रास रचाये,
कभी नाच नचाये,
कभी बंसी बजाये अकेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी संतो के संग,
कभी भक्तों के संग,
कभी मंदिर में मिलता अकेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी को मार गया ढेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला।