(मुखड़ा) आई, आई दादी आई, देखो, बाज उठी शहनाई, होवे अमृत की बरसात, नाचो रे, ले हाथों में हाथ।।
(अंतरा) सजा दरबार है प्यारा, हुआ सिंगार है प्यारा, लगाओ जय-जयकारा, हो दादी का, झूमो सारे लोग-लुगाई, बाँटो मेवे और मिठाई, होवे अमृत की बरसात, नाचो रे, ले हाथों में हाथ।।
कृपा का भाव संजोती, जली है पावन ज्योति, मिलेंगे हीरे-मोती, आशीर्वाद के, आई मंगल घड़ियाँ आई, माँ ने ममता खूब लुटाई, होवे अमृत की बरसात, नाचो रे, ले हाथों में हाथ।।
दादी की नज़र उतारो, नून-राई तो वारो, कोई नारियल पधारो, माँ के स्वागत में, गावें ‘चोखानी’ बधाई, दादी दर्शन देने आई, होवे अमृत की बरसात, नाचो रे, ले हाथों में हाथ।।
(पुनरावृति) आई, आई दादी आई, देखो, बाज उठी शहनाई, होवे अमृत की बरसात, नाचो रे, ले हाथों में हाथ।।
Bhadi Mawas 2022 | Amrit Ki Barsaat | अमृत की बरसात | New Rani Sati Dadi Bhajan | Payal Agarwal यह भजन माँ के आगमन की खुशी और भक्तों की श्रद्धा को दर्शाता है। माँ के दरबार का सुंदर श्रृंगार, भक्तों द्वारा मेवे-मिठाइयाँ बाँटने की खुशी, और माँ की कृपा का अमृत बरसने का सुंदर वर्णन किया गया है। भक्त माँ की नज़र उतारते हैं, नारियल अर्पित करते हैं, और खुशी से नाचते-गाते हैं।