प्रेम करो तो मीरा जैसा लिरिक्स Prem Karo To Meera Jaisa Lyrics
प्रेम करो तो मीरा जैसा,कर दो तन मन अर्पण,
प्रेम है भक्ति प्रेम है पुजा,
प्रेम का नाम समर्पण।
दीपक बुझाना सभी जानते है,
जलाना कोई कोई,
भवन ढहाना सभी जानते है,
बनाना कोई कोई,
आज कल जमाने के,
हालात बड़े अजीब है,
गिराना सभी जानते है,
उठाना कोई कोई,
प्रेम करो तो मीरा जैसा,
कर दो तन मन अर्पण,
प्रेम है भक्ति प्रेम है पुजा,
प्रेम का नाम समर्पण।
मोह माया की दौड़ में,
प्राणी फिरता भागा भागा,
जीवन नैया पार करेगी,
जपले राधा राधा,
श्याम नाम की,
औढ चुनरिया,
करदे तन मन तर्पण,
प्रेम है भक्ति प्रेम है पुजा,
प्रेम का नाम समर्पण।
कभी पतझड़ तो कभी बसंत है,
कभी आदि तो कभी अंत है,
जो इन बदलते नजारों,
को पहचान ले,
समझो वही दुनिया,
में सच्चा संत है,
प्रेम करो तो मीरा जैसा,
कर दो तन मन अर्पण,
प्रेम है भक्ति प्रेम है पुजा,
प्रेम का नाम समर्पण।
जन्म मरण चौरासी फेरे,
तेरे कट जायेंगे,
हरि सुमिरन से दूर,
अंधेरे तेरे हट जायेंगे,
झूठे जग की झूठी माया,
देख ले मन का दर्पण,
प्रेम है भक्ति प्रेम है पुजा,
प्रेम का नाम समर्पण।
प्रेम करो तो मीरा जैसा,
कर दो तन मन अर्पण,
प्रेम है भक्ति प्रेम है पुजा,
प्रेम का नाम समर्पण।