प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले भजन
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया,
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया।
सर पर चुनरी सजी बाल जुड़ा बंधा,
बाल गजरा लगा मांग टीका सजा,
माथे बिंदिया सजी घुंघट में छिपी,
मुखड़ा उनका छिपाना गजब हो गया,
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया।
पैर पायल बजे हाथ कंगना सजे,
होठ लाली लगे आंख कजरा लगे,
प्यार ही प्यार में कैसे नारी बने,
रूप जोगन बनाना गजब हो गया,
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया।
जाति मनिहारन सबको बताने लगी,
पहन लो चूड़ी सबको दिखाने लगी,
राधा का हाथ श्यामा दबाने लगे,
तेरा चूड़ी पहनाना गजब हो गया,
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया।
चूड़ी कैसी है राधा यूं कहने लगी,
सूरत मनिहारन की मन को भाने लगी,
नैन से नैन राधा का मिलना ही था,
हाल दिल का छुपाना गजब हो गया,
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया।
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया,
प्यारी राधा से मिलने कन्हैया चले,
रूप नारी बनाना गजब हो गया।
PYARI RADHA SE MILNE KANHIYA CHALE