इक दिन राधा और कान्हा में, तकरार हो गई, राधा कान्हा की मुरली ले, फरार हो गई, इक दिन राधा और कान्हा में, तकरार हो गई, राधा कान्हा की मुरली ले, फरार हो गई।
गोपियों से पूछा ग्वालो से पूछा,
कहां है मेरी मुरलिया, अब तो कान्हा बहुत घबरा गये, प्राण अंदर से बाहर को आ गये, ढूंढने लगे अपनी मुरलिया, कहां खो गई, राधा कान्हा की मुरली ले, फरार हो गई।
मिलने का वादा किया था, कान्हा मिलने को चली आना, तुमसे मिलने की खातिर, चली आई, तेरे खातिर ओ कान्हा,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
सुध बिसराई, आई सुबह से देखो, अब शाम हो गई, राधा कान्हा की मुरली ले, फरार हो गई।
पूछेगा भैया मरोड़ेगा बैयां कहां है मेरी मुरलिया, राधा किस किस को, मैं समझाऊंगा, घर जाके बाबा तो डांट खाऊगां, दे दे मुरली ठिठोली अब, बहुत हो गई,
राधा कान्हा की मुरली ले, फरार हो गई।
खूब नचाया खूब सताया, दिखा दिखाकर मुरलिया, कान्हा की देख के, हालत इठलाती गई, जिसने देखा नजारा, किस्मत खुल गई, राधा रानी और कान्हा की, मेहर हो गई, राधा कान्हा की मुरली ले, फरार हो गई।
राधा कान्हा की मुरली ले फरार हो गई
इस मधुर भजन में राधा और कृष्ण के बीच एक छोटी सी नोकझोंक का सुन्दर चित्रण है, जिसमें राधा ने कृष्ण की मुरली को छिपा देती हैं । श्री कृष्ण और राधा जी के प्रेम की गहराई और उनके बीच की शरारतों को दर्शाया गया है। कृष्ण अपनी मुरली के बिना अधूरे हैं और वह उसे हर जगह ढूंढते हैं, गोपियों और ग्वालों से पूछते हैं। राधा की शरारत से कृष्ण की बेचैनी बढ़ जाती है, लेकिन अंत में उनका प्यार और भी मजबूत हो जाता है। यह भजन उनके अनोखे और निश्छल प्रेम को दर्शाता है, जो उनकी लीलाओं के माध्यम से व्यक्त होता है। राधा और कृष्ण की यह लीला भक्तों को उनके दिव्य स्वरुप से परिचय देता है।