रक्षा बंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में,
ये जीवन अब बीते सारा,
गुरुवर के ही चरणों में।
गुरु ही ब्रह्मा विष्णु हैं,
और गुरु ही अलख निरंजन हैं,
गुरु ही मंगलकारी हैं,
और गुरु ही भव भय भंजन है,
सारे तीर्थ मंदिर होते हैं,
गुरुवर के चरणों में,
ये जीवन अब बीते सारा,
गुरुवर के चरणों में,
रक्षा बंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
धरा पे उतरे हित करने को,
गुरुवर का अभिनन्दन है,
करुणा वरुणा के सागर,
गुरुवर का ही अभिनन्दन है,
ये शीश सदा झुकता ही रहे,
प्यारे गुरुवर के चरणों में,
रक्षाबंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
गुरु शिष्य सा पावन जग में,
ना कोई दूजा बंधन है,
गुरुवर की कृपा दृष्टी से,
मिटते सब भव भंजन है,
हम सब कुछ अर्पण करते हैं,
गुरुवर के ही चरणों में,
रक्षाबंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
गुरुवर ही है प्राण आधारे,
गुरुवर ही जीवन धन है,
गुरु ही भक्ति मुक्ति दाता,
गुरुवर ही आनन्द धन है,
सच्ची शान्ति मुक्ति मिलती है,
गुरुवर के ही चरणों में,
रक्षाबंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
गुरुवर के चरणों में,
ये जीवन अब बीते सारा,
गुरुवर के ही चरणों में।
गुरु ही ब्रह्मा विष्णु हैं,
और गुरु ही अलख निरंजन हैं,
गुरु ही मंगलकारी हैं,
और गुरु ही भव भय भंजन है,
सारे तीर्थ मंदिर होते हैं,
गुरुवर के चरणों में,
ये जीवन अब बीते सारा,
गुरुवर के चरणों में,
रक्षा बंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
धरा पे उतरे हित करने को,
गुरुवर का अभिनन्दन है,
करुणा वरुणा के सागर,
गुरुवर का ही अभिनन्दन है,
ये शीश सदा झुकता ही रहे,
प्यारे गुरुवर के चरणों में,
रक्षाबंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
गुरु शिष्य सा पावन जग में,
ना कोई दूजा बंधन है,
गुरुवर की कृपा दृष्टी से,
मिटते सब भव भंजन है,
हम सब कुछ अर्पण करते हैं,
गुरुवर के ही चरणों में,
रक्षाबंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
गुरुवर ही है प्राण आधारे,
गुरुवर ही जीवन धन है,
गुरु ही भक्ति मुक्ति दाता,
गुरुवर ही आनन्द धन है,
सच्ची शान्ति मुक्ति मिलती है,
गुरुवर के ही चरणों में,
रक्षाबंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में।
रक्षा बंधन पर वंदन करते,
गुरुवर के चरणों में,
ये जीवन अब बीते सारा,
गुरुवर के ही चरणों में।
Raksha Bandhan Bhajan | रक्षा बंधन पर वंदन करते गुरुवर के चरणों में-2022
Raksha Bandhan Bhajan | रक्षा बंधन पर वंदन करते गुरुवर के चरणों में-2022