राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया।
यह चुनरी मोह माया में फंस गई, काम क्रोध कांटो से उलझ गई, तार तार कर दीन्ही मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया।
राम भजन का नशा अजब है, ऐसा नशा चढ़े तो ही गजब है, ऐसी सुधा हमने पीन्ही मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया।
मैं अज्ञान हूं निपट अनाड़ी, राम भरोसे छोड़ दी गाड़ी, बात भक्तों ने कह दीन्ही मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया, राम के रंग रंग लीन्ही, मेरी कोरी चुनरिया।
राम के रंग रंग लीन्ही कोरी चुनरिया कीर्तन में रौनक बढ़ गई सब झूमने लगे नया भजन सुनके lyrical