राम क्यों भेज दिये वन में भजन लिरिक्स Ram Kyo Bhej Diye Wan Me
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में।
बड़ी हठीली हठ कर बैठी,
माता कौशल्या की एक ना मानी,
उर्मिला एकली महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
उर्मिला एकली महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में।
यहां महल वहां नहीं है मढैया,
सिया जानकी संग दोनों भैया,
भीगत होंगे बारिश में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
भीगत होंगे बारिश में,
राम क्यों भेज दिये वन में।
तेने कैकई जुलम गुजारा,
अपना पद देने आप गमाया,
खटक रही सबकी नजरन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
खटक रही सबकी नजरन में,
राम क्यों भेज दिये वन में।
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
राजपाट मोहे ना चाहिये माता,
चाहिये राम लखन से भ्राता,
भाभी क्या सोच होगी मन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
भाभी क्या सोच होगी मन में,
राम क्यों भेज दिये वन में।
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में,
भरत जी रोवे महलन में,
राम क्यों भेज दिये वन में।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)
KAIKEYI TUMNE JULAM KIA RAM KYU BEJ DIYE VAN MEIN राम क्यों भेज दिये वन में भजन लिरिक्स Ram Kyo Bhej Diye Wan Me Lyrics
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।
|