सब्जी में नमक नेक तेज लिरिक्स Sabji Me Namak Tej Bhayo Lyrics, Log Geet by Suman Sharma
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,बालम ने फेंक दई थाली,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली।
बाबुल की लाडली थी अपने,
चौका बर्तन में जानू ना,
चूल्हा लकड़ी कभी देखा नहीं,
भरता बैंगन में जानू ना,
ना देखो मैंने सिल बटना,
ना पीसी मैंने मिरच काली,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी।
मैके में सोई ए सी में,
मैंने कभी बीजना देखा ना,
चावल खाये मेरे बासमती,
मैंने मकई बाजरा देखा ना,
मेरी जल गई काया गर्मी में,
गालन की चली गई लाली,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी।
मायके में खेत तक गई नहीं,
ससुराल में धान कटाय रहे,
कहां ब्याह दई मेरे बाबुल ने,
मोपे गोबर ये पथवाय रहे,
मैं फूल गुलाब के जैसी थी,
गोरी से पड़ गई मैं काली,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी।
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी,
बिना खाये पिया मेरा सोय गये
सासुन ने बहुत दई गारी,
सब्जी में नमक नेक तेज भयो,
बालम ने फेंक दई थाली।
लोक गीत श्रेणी : लोकगीत Lokgeet/Folk Song