समझ मन मायला रै भजन लिरिक्स Samajh Man Mayala Re Lyrics, Rajasthani Bhajan Lyrics
मन लोभी मन लालची, मन चंचल चित्त चोर,मन के मते नहीं चालिये, पलक पलक मन ओर,
मन गया तो सब गयो, गयो माथा रो उन,
बीत जब कुआ में गिर पड़ा, क्या जाना तुम और।
समझ मन मायला रै,
बिन धोया रंग ना चढ़े रै,
तिरणों किण बिध होय।
समझ मन मायला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
गुरां सा खुदाया कुँवा बावड़ी रे,
ज्यारों नीर गंगा ज़ळ होय।
कई तो नर न्हाय गया रे,
कई नर गया मुख धोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
तन की कुंडी बणायले रे,
ज्यारें मनसा साबण होय।
प्रेम शिला पर देह फटकारों,
दाग रहे ना कोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
रोहिड़ो रंग को फ़ूटरों रै,
ज्यारां फ़ूल अजब रंग होय।
वा फुलां की शोभा न्यारी,
बीणज सके ना कोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
लिखमा जी ऊबा बीच भौम में रै,
ज्यारे दाग़ रह्यो ना कोय।
तीजी पेड़ी लाँघ गया रे,
चौथी में रह्या रै सोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
बिन धोया रंग ना चढ़े रै,
तिरणों किण बिध होय।
समझ मन मायला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
बिन धोया रंग ना चढ़े रै,
तिरणों किण बिध होय।
समझ मन मायला रे
थारी मेलोडी चादर धोय।
गुरां सा खुदाया कुँवा बावड़ी रे,
ज्यारों नीर गंगा ज़ळ होय।
कई तो नर न्हाय गया रे,
कई नर गया मुख धोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
तन की कुंडी बणायले रे,
ज्यारें मनसा साबण होय।
प्रेम शिला पर देह फटकारों,
दाग रहे ना कोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
रोहिड़ो रंग को फ़ूटरों रै,
ज्यारां फ़ूल अजब रंग होय।
वा फुलां की शोभा न्यारी,
बीणज सके ना कोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
लिखमा जी ऊबा बीच भौम में रै,
ज्यारे दाग़ रह्यो ना कोय।
तीजी पेड़ी लाँघ गया रे,
चौथी में रह्या रै सोय।
समझ मन मांयला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
बिन धोया रंग ना चढ़े रै,
तिरणों किण बिध होय।
समझ मन मायला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)
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