माँ तू है अनमोल जो जाने मेरे बोल भजन

माँ तू है अनमोल जो जाने मेरे बोल भजन

(मुखड़ा)

माँ, तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,
माँ, तेरा ना कोई मोल,
तू तो प्रेम की मूरत है,
माँ, तू प्रेम की मूरत है।।
(अंतरा 1)

चरणों की धूल है तेरे,
डाली के फूल हैं तेरे,
कीचड़ हमको ना समझना,
माँ, बच्चे हैं हम तेरे।

मेरा चलना, मेरा हँसना,
सब तेरा है आधार।
माँ, तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,
माँ, तेरा ना कोई मोल,
तू तो प्रेम की मूरत है,
माँ, तू प्रेम की मूरत है।।
(अंतरा 2)

क्यों ग़म से मैं घबराऊँ,
क्यों सबसे मैं शरमाऊँ,
जब माँ, तू साथ है मेरे,
क्यों सबको ना बतलाऊँ।

चाहे दुख हो या सुख हो,
तेरा करता रहूँ गुणगान।
माँ, तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,
माँ, तेरा ना कोई मोल,
तू तो प्रेम की मूरत है,
माँ, तू प्रेम की मूरत है।।
(अंतरा 3)

'निक्की' है दास तुम्हारी,
तुझसे ही आस हमारी,
बिन तेरे कौन सुने, माँ,
तू ही आवाज़ हमारी।

चाहे पायल, चाहे बिछिया,
देना चरणों में स्थान।
माँ, तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,
माँ, तेरा ना कोई मोल,
तू तो प्रेम की मूरत है,
माँ, तू प्रेम की मूरत है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)

माँ, तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,
माँ, तेरा ना कोई मोल,
तू तो प्रेम की मूरत है,
माँ, तू प्रेम की मूरत है।।
 


Maa tu hai anmol
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