साँवरे के दीवानो की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है,
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो,
लौ प्रभु से लगाई हुई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
ऊँचे आसन पे बाबा विराजे,
उनकी आँखों से करुणा बरसती,
इनके भक्तों की आँखें ना पूछो,
चरणों में बिछाई हुई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
भक्ति की रात का है ये आलम,
जो जहाँ है वहीं पे मगन है,
हर दिशा से है अमृत बरसता,
यहाँ ज़न्नत बसाई गई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
तन महका है मन भी है महका,
ये प्रभु की कृपा का असर है,
फूल भक्ति का मन में खिला है,
यहाँ खुशबू उड़ाई गई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
गम के मारे यहाँ जो भी आये,
जिनका कोई ना जग में ठिकाना,
जिनकी रुठी है तक़दीर उनसे,
उनकी किस्मत बनाई गई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
साँवरे के दीवानो की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है,
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो,
लौ प्रभु से लगाई हुई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
आज फिर से सजाई गई है,
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो,
लौ प्रभु से लगाई हुई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
ऊँचे आसन पे बाबा विराजे,
उनकी आँखों से करुणा बरसती,
इनके भक्तों की आँखें ना पूछो,
चरणों में बिछाई हुई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
भक्ति की रात का है ये आलम,
जो जहाँ है वहीं पे मगन है,
हर दिशा से है अमृत बरसता,
यहाँ ज़न्नत बसाई गई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
तन महका है मन भी है महका,
ये प्रभु की कृपा का असर है,
फूल भक्ति का मन में खिला है,
यहाँ खुशबू उड़ाई गई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
गम के मारे यहाँ जो भी आये,
जिनका कोई ना जग में ठिकाना,
जिनकी रुठी है तक़दीर उनसे,
उनकी किस्मत बनाई गई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
साँवरे के दीवानो की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है,
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो,
लौ प्रभु से लगाई हुई है,
साँवरे के दीवानों की महफ़िल,
आज फिर से सजाई गई है।
Sanjay Pareek Bhajan - Sanware Ke Diwano Ki Mehfil | Original Bhajan साँवरे के दीवानो की महफ़िल लिरिक्स Sanware Ke Diwano Ki Mahfil Lyrics
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