अपने बच्चो से मिलने माँ आई भजन

अपने बच्चो से मिलने माँ आई भजन

(मुखड़ा)
माँ को मना लो, दिल से रिझा लो,
देखो खुशियों की बेला है आई,
आई रे आई, होकर सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई।।

(अंतरा)
सुन के पुकार आई बच्चों के द्वार,
देखो खुशियाँ लुटाने है आई,
भूलो सारे गम, होकर मस्त मलंग,
सब झूमो, नाचो, गाओ बधाई,
बजी खुशियों की ताल,
जिसपे झूमा संसार,
कहीं प्रेम-श्रद्धा की शहनाई,
आई रे आई, होकर सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई।।

चूड़ा भी लाल, माँ की चुनर भी लाल,
बड़ी प्यारी लगे मैया रानी,
मैया के नैनों से करुणा बहे,
माँ तो ममता की मूरत सुहानी,
बच्चों की प्यारी,
माँ तो है जग से न्यारी,
वो तो हर एक के दिल में समाई,
आई रे आई, होकर सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई।।

मत हो उदास, माँ के चरणों के पास,
जाके अपने तू दिल की सुनाना,
मिट जाए तेरे सारे दिल के ज़ख्म,
माँ लुटा देगी प्यार का ख़ज़ाना,
श्यामा की अर्जी, ना करूँ खुदगर्जी,
मेरे सर पर हो कृपा सदा ही,
आई रे आई, होकर सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
माँ को मना लो, दिल से रिझा लो,
देखो खुशियों की बेला है आई,
आई रे आई, होकर सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई।।
 

Apne Bachho Se Milne Maa Aai ! अपने बच्चों से मिलने मां आई ! Sonu Sharma ! Navraatri Special Bhajan
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