सांवरिया ले चल परली पार लिरिक्स Sanwariya Le Chal Parali Par Lyrics
कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
विनती मेरी मान स्नेही,
तन मन है कुर्बान स्नेही,
कब से आस लिए बैठी हूं,
जग को बाँध किये बैठी हूं,
मैं तो तेरे संग चलूंगी,
ले चल मुझको पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,
बुद्धि सहत मन तेरे अर्पण,
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणो की दासी,
मेरे प्राण आधार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
तेरी आस लगा बैठी हूं,
लज्जा शील गवा बैठी हूं,
मैं अपना आप लूटा बैठी हूं,
आंखे खूब थका बैठी हूं,
साँवरिया मैं तेरी रागिनी,
तू मेरा राग मल्हार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
जग की कुछ परवाह नहीं है,
सूझती अब कोई राह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
और बची कोई राह नहीं है,
मेरे प्रीतम मेरे माझी,
अब करदो बेड़ा पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
आनंद धन जहा बरस रहा,
पीय पीय कर कोई बरस रहा है,
पत्ता पत्ता हरष रहा है,
भगत बेचारा क्यों तरस रहा है,
बहुत हुई अब हार गयी मैं,
क्यों छोड़ा मझदार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
विनती मेरी मान स्नेही,
तन मन है कुर्बान स्नेही,
कब से आस लिए बैठी हूं,
जग को बाँध किये बैठी हूं,
मैं तो तेरे संग चलूंगी,
ले चल मुझको पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,
बुद्धि सहत मन तेरे अर्पण,
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणो की दासी,
मेरे प्राण आधार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
तेरी आस लगा बैठी हूं,
लज्जा शील गवा बैठी हूं,
मैं अपना आप लूटा बैठी हूं,
आंखे खूब थका बैठी हूं,
साँवरिया मैं तेरी रागिनी,
तू मेरा राग मल्हार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
जग की कुछ परवाह नहीं है,
सूझती अब कोई राह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
और बची कोई राह नहीं है,
मेरे प्रीतम मेरे माझी,
अब करदो बेड़ा पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
आनंद धन जहा बरस रहा,
पीय पीय कर कोई बरस रहा है,
पत्ता पत्ता हरष रहा है,
भगत बेचारा क्यों तरस रहा है,
बहुत हुई अब हार गयी मैं,
क्यों छोड़ा मझदार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
krishna धमाकेदार भजन सांवरिया ले चल परली पार with lyrics
कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार।
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार॥
विनती मेरी मान सनेही,
तन मन है कुर्बान सनेही,
कब से आस लिए बैठी हूँ,
जग को बाँध किये बैठी हूँ,
मैं तो तेरे संग चलूंगी ।
ले चल मुझको पार ॥
साँवरिया ले चल परली पार
साँवरिया ले चल परली पार।
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार॥
विनती मेरी मान सनेही,
तन मन है कुर्बान सनेही,
कब से आस लिए बैठी हूँ,
जग को बाँध किये बैठी हूँ,
मैं तो तेरे संग चलूंगी ।
ले चल मुझको पार ॥
साँवरिया ले चल परली पार