मत करना अभिमान तू बंदे

मत करना अभिमान तू बंदे

मत करना अभिमान तू बंदे जीवन रेण बसेरा है,
इक न इक दिन इस दुनिया से जाना तू अकेला है,
मत करना अभिमान तू।।

लाख चौरासी योन भोग कर मानव का तन पाया है,
कौन उजड़े उस बगियाँ को जिस पर प्रभु की छाया है,
इसकी मर्जी बिना न सूरज करता रोज सवेरा है,
मत करना अभिमान तू।।

बालकपन में मात पिता ने तुमसे लाड लड़ाया है,
करुणा भया नारी संग रह कर वो सब प्यार भुलाया है,
दिल न दुखाना कभी किसी का, ना कुछ जग में तेरा है,
मत करना अभिमान तू।।

बीती जाए तेरी उमरिया, बनता क्यों अज्ञानी है,
मद और लोभ और मोह के कारण करता तू मन मानी है,
देख बुढ़ापा अब क्यों रोया,
जब संकट ने घेरा है,
मत करना अभिमान तू।।

इस जीवन का सार यही है, करने प्रभु की भक्ति है,
दान पुण्य अच्छे कर्मों से मिलती सच्ची मुक्ति है,
दास नरेश श्यामा श्यामा, बिन तेरा नहीं नवीरा है,
मत करना अभिमान तू।।


मत करना अभिमान तू बन्दे || Paras Ladla Ji || Krishna Bhajan 2022 || Mat Karna Abhiman Tu Bande

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⇨Bhajan :- Mat Karna Abhiman Tu Bande 
⇨Singer :- Paras Ladla Ji

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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