सीता हरण भजन लिरिक्स Seeta Haran Bhajan Lyrics

सीता हरण भजन लिरिक्स Seeta Haran Bhajan Lyrics, Shri Ram Sita Bhajan

जब श्री राम ने देखा,
की कुटिया में सीता है ही नहीं,
किसी ने उनका,
हरण कर लिया है,
तो श्री राम व्याकुल हो उठे,
और फिर वो लक्ष्मण से बोले...

न बदरियो में पानी,
न धरा की बेईमानी,
फ़िर कौन किया है सीता हरण,
बोलो कुछ तो बोलो मेरे लक्ष्मण,
कौन किया है सीता हरण,
कौन किया है सीता हरण,
कौन किया है सीता हरण।

राम तो गए थे मृग वध करने,
बोल गए थे सिय को,
अकेली न छोड़ना,
राम के पुकारने,
की आवाज आई
वोले लक्ष्मण की,
इसलिए अवहेलना,
सिय रक्षा के आतुर,
रेखा खिंच गया थे लक्ष्मण,
कौन किया है सीता हरण,
कौन किया है सीता हरण,
कौन किया है सीता हरण।

घायल पड़े जटायु,
दर्द से करहाते,
राम ने पूछा किसने,
की ऐसी हालत,
जटायु ने बोला सिया,
को लेके गया रावण,
कर दी उसी ने,
राम मेरी ऐसी दुर्गत,
राम सिया को बचाओ,
आन पड़ा हु में आपकी शरण,
रावण ने ही किया है सीता हरण,
रावण ने ही किया है सीता हरण,
रावण ने ही किया है सीता हरण।



 
Latest New Bhajan Lyrics Hindi नए भजन लिरिक्स हिंदी/Largest Collection of Hindi Bhajan Lyrics No. 1 Lyrics Blog

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

अपने पसंद का भजन खोजे

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url