मेरी अम्बे माँ जगदंबे मेरी फरियाद सुन लेना
मेरी अम्बे माँ जगदंबे,
मेरी फरियाद सुन लेना,
तेरे चरणों में मस्तक है,
मुझे अपना बना लेना।।
सुना है पार करती हो,
तुम पतितों और अनाथों को,
भंवर में है मेरी नैया,
उसे भव पार लगा देना,
मेरी अंबे माँ जगदंबे,
मेरी फरियाद सुन लेना।।
ये दुनिया पाप की बस्ती,
बिछा है जाल स्वार्थ का,
छुड़ाकर जाल से मुझको,
शरण अपनी लगा लेना,
मेरी अंबे माँ जगदंबे,
मेरी फरियाद सुन लेना।।
तू धर के रूप रण चंडी,
किया वध पापी दुष्टों का,
तुम्हारी ही कृपा है,
शूल को भी फूल बना देना,
मेरी अंबे माँ जगदंबे,
मेरी फरियाद सुन लेना।।
मैं पापी हूँ अधम मैया,
मेरे मन में अंधेरा है,
जगाकर ज्ञान की ज्योति,
मुझे मंदिर दिखा देना,
मेरी अंबे माँ जगदंबे,
मेरी फरियाद सुन लेना।।
मेरी अम्बे माँ जगदंबे,
मेरी फरियाद सुन लेना,
तेरे चरणों में मस्तक है,
मुझे अपना बना लेना।।
Meri Ambe Maa Jagdambe Meri Fariyad Sun Lena Maninder Jiमेरी अम्बे माँ जगदम्बे मेरी फरियाद सुन लेना