भवानी माँ आई मेरे द्वार भजन

भवानी माँ आई मेरे द्वार भजन

(मुखड़ा)
भवानी माँ आई मेरे द्वार,
शंख, चक्र, त्रिशूल, गदा ले,
शंख, चक्र, त्रिशूल, गदा ले,
आई माँ मेरे द्वार,
भवानी माँ आई शेर सवार,
भवानी माँ आई मेरे द्वार।।

(अंतरा)
नमो नमो दुर्गे सुखकरणी,
नमो नमो अंबे दुखहरणी,
कृपा दायिनी माँ जगतारिणी,
खुशियों के बादल बरसा के,
खुशियों के बादल बरसा के,
आई माँ देने प्यार,
भवानी माँ आई शेर सवार,
भवानी माँ आई मेरे द्वार।।

निरंकार है ज्योति तुम्हारी,
तिहुँ लोक फैली उजियारी,
सारी दुनिया है दुखियारी,
अपने सेवक जन की श्रद्धा,
अपने सेवक जन की श्रद्धा,
करना माँ स्वीकार,
भवानी माँ आई शेर सवार,
भवानी माँ आई मेरे द्वार।।

शशि ललाट, मुख महाविशाला,
नेत्र लाल, भृकुटि विकराला,
अन्नपूर्णा हुई जग पालाला,
बेटा देवेंद्र महिमा गाए,
बेटा देवेंद्र महिमा गाए,
सुन लेना माँ पुकार,
भवानी माँ आई शेर सवार,
भवानी माँ आई मेरे द्वार।।

(पुनरावृति)
भवानी माँ आई मेरे द्वार,
शंख, चक्र, त्रिशूल, गदा ले,
शंख, चक्र, त्रिशूल, गदा ले,
आई माँ मेरे द्वार,
भवानी माँ आई शेर सवार,
भवानी माँ आई मेरे द्वार।।
 


दूसरा नवरात्र l Navratri Special l भवानी माँ आई शेर सवारी। पूज्य श्री देवेंद्र जी महाराज माँ  शेर पर सवार होकर भक्तों के द्वार पर आती हैं। माँ के तेजस्वी रूप और उनकी कृपा का गुणगान किया गया है। भक्त माँ से सुख, शांति, और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं, और माँ के आगमन से चारों ओर उजियारा फैलता है।
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