श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।
मुझ को कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिये,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिये,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।
अनमोल कोई भी चीज,
मेरे काम की नहीं,
दिखती अगर उसमे छवि,
सिया राम की नहीं,
राम रसिया हूं मैं,
राम सुमिरन करू,
सिया राम का सदा ही,
मैं चिंतन करू,
सच्चा आंनंद है ऐसे जीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।
फाड़ सीना है सब को,
यह दिखला दिया,
भक्ति में हैं मस्ती,
बेधड़क दिखला दिया,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें.