स्वर निनाद से राष्ट्र गर्जना

स्वर निनाद से राष्ट्र गर्जना

स्वर निनाद से राष्ट्र गर्जना,
जाग उठी हुंकार,
भूमंडल पर भारत माँ की,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार।

तेजोमय शक्ति के साधक,
सत्व गुणों के है आराधक,
संयम धारें चलें निरंतर,
शुभ आचार विचार,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार।

कदम कदम से कदम मिलायें,
ह्रदय ह्रदय में स्नेह जगायें,
संकट सारे ध्वस्त करेगा,
राष्ट्रभक्ति का ज्वार,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार।

ऋषि मुनियों की अनुपम थाती,
अपने रग रग में लहराती,
सदा बही है सदा बहेगी,
सत्य सनातन धार,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार।

सधे स्वरों से अर्चन करते,
ध्येय निष्ठ अपने डग भरते,
देश की रक्षा धर्म हमारा,
तन मन धन सब वार,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार।

स्वर निनाद से राष्ट्र गर्जना,
जाग उठी हुंकार,
भूमंडल पर भारत माँ की,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार,
होगी जय जयकार।



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