मेरे दिल की पतंग

मेरे दिल की पतंग

मेरे दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना,
कहीं और ना उड़ जाये,
इसे खाटू धाम उड़ाई देना,
मेरें दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना।

सांवरिया तेरी हो जाये,
डाल दे अपनी डोर जी,
और किसी का ना हो जाये,
खींच ले अपनी ओर जी,
तेरा होगा बड़ा एहसान,
की मंदिर तक पहुंचाई देना,
मेरें दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना।

अपनी अंगुली से तू डोरी,
रोज हिलाते रहना श्याम,
तू अपने दरबार में इसको,
रोज नचाते रहना श्याम,
तुम्हें झुक झुक करे ये प्रणाम,
की इसको ये सिखाई देना,
मेरें दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना।

रखना अपनी नजर में बाबा,
इधर उधर मुड़ जाये ना,
तेरी चौखट छोड़ किसी से,
पेंच कहीं लड़ जाये ना
ये दुनिया बड़ी बेईमान,
की दुनिया से बचाई लेना,
मेरें दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना।

जब तक है जिंदगानी मेरी,
पतंग कहीं काट जाये ना,
तेरे हाथ से डोर ना छूटे,
ध्यान तेरा हट जाये ना,
इसपे बनवारी लिख दे तेरा नाम,
ये किरपा तू बरसाई देना,
मेरें दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना।

मेरे दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना,
कहीं और ना उड़ जाये,
इसे खाटू धाम उड़ाई देना,
मेरें दिल की पतंग में,
श्याम की डोर तू लगाई देना।




मेरे दिल की पतंग | Khatu Shyam Bhajan

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