द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे भजन

द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे भजन

द्वार खड़ी शनि देव तुम्हारे, कृपा करो शनि, दया करो।
करूँ तुम्हारी चरण वंदना, कष्ट हमारे विदा करो।।
द्वार खड़ी शनि देव तुम्हारे...।।

तुम्हें मालूम सभी कुछ, घेर खड़े हैं ग़म कितने,
तुमसे नहीं तो किससे कहें, लाचार बड़े हैं हम कितने।
तुमसे है ये बिनती मेरी, क्षमा करो अपराध मेरे,
भीड़ दुखों की घेरे खड़ी है, कोई नहीं है साथ मेरे।
करूँ तुम्हारी चरण वंदना, कष्ट हमारे विदा करो।।
द्वार खड़ी शनि देव तुम्हारे...।।

दुनिया की क्या बात करूँ मैं, परछाईं भी दुश्मन है,
राहें हो गई अंगारों सी, आग में जलता जीवन है।
हाथ धरो मेरे सिर के ऊपर, शीतल सी छाया कर दो,
हो जाएँ दुःख दूर हमारे, तुम ऐसी माया कर दो।
करूँ तुम्हारी चरण वंदना, कष्ट हमारे विदा करो।।
द्वार खड़ी शनि देव तुम्हारे...।।

कब काटोगे देव हमारी, किस्मत की जंजीरों को,
रंग दो खुशियों से हाथों की, इन बेरंग लकीरों को।
न्याय करा है न्याय देवता, दर-दर की ठुकराई हूँ,
नया मिलेगा यही सोच के, द्वार तुम्हारे आई हूँ।
करूँ तुम्हारी चरण वंदना, कष्ट हमारे विदा करो।।
द्वार खड़ी शनि देव तुम्हारे...।।



शनिवार स्पेशल | द्वार खडी शनिदेव तुम्हारे, कृपा करो शनि दया करो | Shani bhajan 2021 | Tara Devi

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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