ऐसा है हारे का सहारा, लगता है सबसे ही प्यारा, जिसने इसे निहारा, उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा.......।
खाटू के दरबार में, जो आए एक बार, जैसे ही करता है वो, पार वो तोरण द्वार, लगता है ऐसे, पकड़ा हो जैसे, इसी ने हाथ हमारा, उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा.......।
खाटू सा देखा नहीं, हमने कोई द्वार, जहाँ पैर रखते ही बस, बन जाते है काम, भर देता है, पल में दामन, करके एक ईशारा, उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा.......।
धीरज देता है सदा, भक्तों को दिन रात, ऐसा देव दूजा नहीं, करे जो सबसे बात, पल में दीवाना, कर देता है, जो एक बार पुकारा, उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा.......।
ऐसा है हारे का सहारा, लगता है सबसे ही प्यारा, जिसने इसे निहारा, उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा.......।