वीर हनुमाना मैं तुमसे कहूं, राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं, वीर हनुमाना मैं तुमसे कहूं, राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
इस लंका में बाग बहुत हैं, बागों की मालन मैं ना बनूं,
मेरे राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
इस लंका में ताल बहुत है, तालों की धोबिन में ना बनू, राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
इस लंका में असुर बहुत है,
Hanuman Bhajan Lyrics Hindi
असुरों की दासी मैं ना बनू, मेरे राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
इस लंका में मंदिर बहुत है, मंदिर की पूजारन मै ना बनू, मेरे राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
इस लंका में महल बहुत है, महलों की रानी मैं ना बनू, राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
वीर हनुमाना मैं तुमसे कहूं, राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं, वीर हनुमाना मैं तुमसे कहूं, राम जी से कहना, मैं लंका ना रहूं।
वीर हनुमाना मैं तुमसे कहूं रामजी से कहना लंका ना रहूं veer hanumana main tuse khu Ramji se kehna
यह गीत सीता माता के मनोभाव को दर्शाता है जिसमें वे लंका में रहने के बजाय श्री राम के पास मुक्त होकर लौट जाना चाहती हैं। इसमें उनकी विनम्रता और उनके चरित्र की पवित्रता को भी दिखाया गया है। यह गीत उनके आत्म-सम्मान और उनकी आत्म-निर्भरता को भी प्रकट करता है। इस गीत के माध्यम से, सीता माता ने अपनी इच्छा व्यक्त की कि वे लंका की सुख-सुविधाओं को नहीं चाहती हैं। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं