राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूलेना, ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रूठी, झूला झूले ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
चंदन की पटरी विशाखा लाई, रेशम के डोरी ललिता लाई, मटक कर ऐसी बैठी डोर, डाले ना डालन दे, हो राधा रानी ऐसी रूठी,
झूला झूले ना ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
हंस कर बोली सखी विशाखा, बिन मोहन झुला नहीं भाता, झटक कर ऐसी बैठी राधे, बोले ना बोलन दे, हो राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूले ना ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
इतने में आ गये बनवारी, क्यों रूठी हो राधा प्यारी, पैर पटक कर ऐसी बैठी,
Radha Rani Bhajan Lyrics in Hindi,Sheela Kalson Bhajan Lyrics
पट खोले ना खोलन दे, हो राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूले ना ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
पड़ पैयां घनश्याम मनाये, मंद मंद राधे मुस्काये, लिपट कर ऐसी रोई, चुप होवे ना होवन दे, हो राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूले ना, ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
राधाश्याम की प्रीत पुरानी,
सब जाने यह प्रेम कहानी, जो ध्यावे सो पावे, मन भटके ना भटकन दे, हो राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूले ना, ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूले ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रूठी, झूला झूले ना, ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
राधा रानी ऐसी रूठी, झूला झूलेना, ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रूठी, झूला झूले ना झूलन दे, बरसाने वाली ऐसी रुठी, झूला झूले ना झूलन दे।
राधा रानी झूलन महोत्सव श्रावण (जुलाई / अगस्त) के महीने में मनाया जाने वाला त्योहार है, जो भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा को समर्पित है। "झूलन" शब्द का अर्थ है "झूला", और इस त्योहार के दौरान, झूलों को फूलों और पत्तों से सजाया जाता है, और भक्त बारी-बारी से राधा और कृष्ण की मूर्तियों को झुलाते हैं।
बरसाने वाली ऐसी रूठी झूला झूले ना झूलन दे || Barsane Wali Aisi Ruthi || Sheela Kalson (With Lyrics)
■ Title ▹ Barsane Wali Aisi Ruthi Jhoola Jhoole Na Jhulan De ■ Artist ▹Priya Rohilla ■ Singer ▹ Sheela Kalson ■ Music ▹ Pardeep Panchal ■ Lyrics & Composer ▹ Traditional ■ Editing ▹ Malkit