डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली
डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है
हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे,छा रही छटा निराली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
भुत प्रेत संग में नाचे,
तेरे भारी धूम मचाई है,
काले शेष नाग तेरे गल में,
न्यारी छटा दिखाई है,
शीश पे तेरे गंगा सोहे,
कानन कुंडल बाली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
तीन लोक के नाथ है स्वामी,
तुम ही अन्तर्यामी हो,
जगत पिता परमेश्वर तुम ही,
सारे जग के स्वामी हो,
दुखियों के दुख हरने वाले,
वचन न जाये खाली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
गौरा मैया संग आप के,
जोड़ी लगे महान दिखे,
भांग धतुरा घूंट मार के,
मस्त मगन में ध्यान दूं,
विकास चौधरी भोले बाबा,
तेरे दर का सवाली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे,
छा रही छटा निराली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
भुत प्रेत संग में नाचे,
तेरे भारी धूम मचाई है,
काले शेष नाग तेरे गल में,
न्यारी छटा दिखाई है,
शीश पे तेरे गंगा सोहे,
कानन कुंडल बाली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
तीन लोक के नाथ है स्वामी,
तुम ही अन्तर्यामी हो,
जगत पिता परमेश्वर तुम ही,
सारे जग के स्वामी हो,
दुखियों के दुख हरने वाले,
वचन न जाये खाली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
गौरा मैया संग आप के,
जोड़ी लगे महान दिखे,
भांग धतुरा घूंट मार के,
मस्त मगन में ध्यान दूं,
विकास चौधरी भोले बाबा,
तेरे दर का सवाली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे,
छा रही छटा निराली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे,
छा रही छटा निराली है,
डम डम डमरू बाजे,
महके डाली डाली है।
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Author - Saroj Jangir
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