कैसा ये अनोखा कर के, आए हैं श्रृंगार जी, सर्पों का सेहरा, बिछु का कुंडल, आए हैं नंदी पे सवार जी, बाबा जी मेरे बाबा जी, ओ भोले बाबा जी, मेरे बाबा जी।
गौरा को बिहाने देखो, आए हैं भोलेनाथ जी, संग लेकर जाएंगे, कैलाश भोलेनाथ जी।
ब्रह्मा विष्णु आए हैं, देवों को संग लाए हैं, ऋषि मुनियों संग नारद, झूमे नाच गाये हैं, तन पे भस्म है, मुंडो की माला है, अजब भोले की बारात जी, ढोल मंजीरा भूत बजाये, नाँचे हैं शम्भू नाथ जी।
गौरा को बिहाने देखो, आए हैं भोलेनाथ जी, संग लेकर जाएंगे, कैलाश भोलेनाथ जी।
मैना में समझया जी, बाबा मरघटवासी जी, तू है महलों की रानी गौरा, कैसे बनेगी तू दासी जी, गौरा बोली जन्मों का नाता है, लगन ऐसी मोहे लागी जी, भोले के ध्यान में रहते मैं तो, भोले बिन हूं आधी जी।
गौरा को बिहाके चले, बाबा भोलेनाथ जी, तीनो लोक में जय जयकार है, गौरा शंभुनाथ की।
कभी योगी कभी जोगी, बाबा के रूप अनेक जी, गौर के मन को भाते हैं बाबा, हुए हैं अब दोनो एक जी, बाबा जी मेरे बाबा जी, ओ भोले बाबा जी, मेरे बाबा जी।
गौरा को बिहाने देखो, आए हैं भोलेनाथ जी, संग लेकर जाएंगे, कैलाश भोलेनाथ जी।
Gaura Ko Bihane Dekho | Shiv-Gaura Vivah Geet | Sundeep Gosswami & Kanchhan Srivas | Mahashivratri