गौरी शंकर हंसराज रघुवंशी भजन

गौरी शंकर हंसराज रघुवंशी भजन

ओ शिव ध्यानी,
औघड़ ज्ञानी,
ध्यान को छोड़कर,
मुझ पे कभी तो,
तू ध्यान दे,
बरसों से बैठी,
चरणों में तेरे,
संग बैठने का मुझको,
जग में तू मान दे।

जब जब कष्ट आया है,
तीनों लोक में,
तूने हरा उसे नाथ रे,
मेरे भी कष्ट को हर ले,
तू भोले,
मुझ को देदे सौगात,
तेरे बिन दिन कितने बीते,
अब ना लागे जी मोरा,
ओ अंखियां खोल रे,
शिव भोले,
मैं हूं तेरी गौरा,
ओ अंखियां खोल रे,
शिव भोले,
मैं हूं तेरी गौरा।

और गौरा मैया कहती हैं,
शिव से की मैं ही शक्ति हूं,
मैं ही तेरी सती हूं,
जरा मुझको तो जान,
एक बार आंखें खोल भोले,
और अपनी गौरा को पहचान।

सखियाँ छेड़े रे मुझको,
के शिव है अघौरी,
पर वो क्या जाने रे,
शिव ने थामी मेरी डोरी,
दुख तू हर ले,
गले तो लगा ले,
कब से हूं रूठी,
अब मुझको मना ले,
जब तू अविनाशी,
तू क्यूं है सन्यासी,
तू करता किसका,
ध्यान है,
तेरे प्रेम की प्यासी,
तू कैलाश का वासी,
भोले तू गौरा की जान,
तेरे बिन दिन कितने बीते,
अब ना लागे जी मोरा,
ओ अंखियां खोल रे,
शिव भोले,
मैं हूं तेरी गौरा,
ओ अंखियां खोल रे,
शिव भोले,
मैं हूं तेरी गौरा।

या तो मुझको,
इन्कार कर दो,
या फिर मुझको,
स्वीकार कर लो,
तेरे प्यार में हूं खोई,
कितना हूं मैं रोई,
भोले तुझे ना खबर,
बस अब ना सता मुझे,
और ना रुला,
अब और ना सबर,
प्राण मैं दे दूंगी अब,
तेरे आगे हमसफ़र,
फिर जग में ना कोई होगा,
मोहब्बत का सफ़र।

ओ अंखियां खोल दी,
अब शिव ने,
तू ही मेरी गौरा,
ओ अंखियां खोल दी,
अब शिव ने,
तू ही मेरी गौरा,
ओ अंखियां खोल दी,
अब शिव ने,
तू ही मेरी गौरा।
ओ शिव ध्यानी,
औघड़ज्ञानी,
ध्यान को छोड़कर,
मुझपे कभी तो तू ध्यान दे,
अखिया खोल दिया,
शिव ने पूरी ओ मेरी गौरा
ओ शिव ध्यानी,
औघड़ ज्ञानी,
ध्यान को छोड़कर,
मुझ पे कभी तो,
तू ध्यान दे,
बरसों से बैठी,
चरणों में तेरे,
संग बैठने का मुझको,
जग में तू मान दे।



Gauri Shankar || Official Teaser || Hansraj Raghuwanshi || Ricky || K Saklani || Shivratri Special |
 
श्री हंसराज रघुवंशी जी के द्वारा "गौरी शंकर" भजन को स्वर दिया है। श्री हंसराज रघुवंशी जी ने भजनों को एक नया आयाम दिया है और इन्हे हर जुबा तक पंहुचा दिया है। हंसराज रघुवंशी जी का जीवन भी संघर्षों से भरा हुआ था। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें बर्तन तक धोने पड़े थे और वे अपनी पढ़ाई को पूरा नहीं कर सके। हंसराज रघुवंशी का भजन " मेरा भोला है भंडारी " बहुत प्रचलित हुआ और इसी भजन से उन्हें नाम भी मिला। सन्नी देओल के कारण वे फिल्मों में आये और 'आधा भी है ज्यादा' गाना उन्होंने गाया। 

शिवरात्रि का महत्त्व अपार है क्योंकि इसी वक़्त शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। शिवरात्रि के रोज व्रत रखकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है क्योंकि यह अवसर प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात का है। शिवरात्रि के अवसर पर ही शिवजी और पार्वती माता का विवाह हुआ था। अविवाहित महिलाएं शिवरात्रि के रोज व्रत रखती हैं, और ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से उनका विवाह शीघ्र होता है और उन्हें चिर सौभाग्‍य प्राप्त होता है।

गौरीशंकर : भगवान शिव जी का एक नाम है जो की गौरी माता पार्वती और शंकर, शिव जी का नाम है। इसके अतिरिक्त हिमालय में एक पर्वत का भी नाम है। गौरीशंकर पर्वत की चोटी काठमांडू में रोल्वालिंग हिमाल के पश्चिमी किनारे के पास ही स्थापित है।
 

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