जय जय भैरवी भजन लिरिक्स Jay Jay Bhairavi Lyrics
जय जय भैरवी भजन लिरिक्स Jay Jay Bhairavi Lyrics, Mata Rani Bhajan
जय जय भैरवी असुर भयाउनिपशुपति भामिनी माया
सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि
अनुगति गति तुअ पाया
वासर रैनि सबासन शोभित
चरण चन्द्रमणि चूड़ा,
कतओक दैत्य मारि मुख मेलल
कतओ उगिलि कएल कूड़ा
सामर बरन नयन अनुरंजित
जलद जोग फुलकोका,
कट-कट विकट ओठ पुट पांडरि
लिधुर फेन उठ फोंका
घन-घन-घनय घुंघरू कत बाजय
हन-हन कर तुअ काता
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक
पुत्र बिसरू जनि माता
जय जय भैरव असुर-भयाउनि, पसुपति-भामिनि माया।
सहज सुमति बर दिअहे गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया॥
बासर-रैनि सबासन सोभित चरन, चंद्रमनि चूड़ा।
कतओक दैत्य मारि मुँह मेलल, कतन उगिलि करु कूड़ा॥
सामर बरन, नयन अनुरंजित, जलद-जोग फुल कोका।
कट-कट बिकट ओठ-पुट पाँड़रि लिधुर-फेन उठ फोका॥
घन-घन-घनन धुधुर कत बाजए, हन-हन कर तुअ काता।
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक, पुत्र बिसरु जनि माता॥
जय जय भैरवी असुर भयाउनि
पशुपति भामिनी माया
सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि
अनुगति गति तुअ पाया