जिसने भी मेरे श्याम को दिल से सजा दिया लिरिक्स Jisane Bhi Mere Shyam Ko Lyrics
जिसने भी मेरे श्याम को दिल से सजा दिया लिरिक्स Jisane Bhi Mere Shyam Ko Lyrics, Jisane Bhi Mere Shyam Ko Dil Se Saja Diya
जिसने भी मेरे श्याम को,दिल से सजा दिया,
जीवन को उसके श्याम ने,
सुन्दर बना दिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।
सिर पे पगड़ी श्याम पे,
भक्तों की आन है,
इज्जत अपने भक्तों की,
बाबा की शान है,
उस पड़गी की आन को,
जिसने बढ़ा दिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।
बागा घेर घुमेर जो,
बाबा ने लपेटा है,
उस घेरे ने भक्तों के,
दर्दो को समेटा है,
दिल के दुखड़े श्याम को,
जिस ने सुना दिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।
कान में कुण्डल बाबा के,
यूं ही न चमकता है,
उस कुण्डल में भगतो का,
विश्वाश झलकता है,
श्री चरणों में शीश को,
जिसने झुका दिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।
फागण का मेला बाबा,
युहीं न लगता है,
शुभम रूपम उस मेले में,
बिछड़ों को मिलता है,
केसरियां निसान वो,
जिसने उठा लिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया,
जीवन को उसके श्याम ने,
सुन्दर बना दिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया,
जीवन को उसके श्याम ने,
सुन्दर बना दिया,
जिसने भी मेरे श्याम को,
दिल से सजा दिया।