साखी/Sakhi आया है सब जाएगा,और राजा-रंक फ़किर, कोई सिंहासन चड़ चले,और कोई बंधे ज़ंजीर।। पता टूटा डाल से,ले गई पवन उड़ाए, अब के बिछड़े कब मिले,दूर पड़ेंगे जाए, वृक्ष बोला पात से,और सुनो पात मेरी बात, इस घर की रीत यही,और एक आवे एक जाए, भजन Bhajan मतकर माया को अहंकार, मतकर काया को अभिमान, काया गार से काची, काया गार से काची रे।
जैसा ओस का मोती, झोंका पवन का लग जाय,
झपका पवन का लग जाय, काया धूल हो जासी॥टेका, ऐसा सख्त था महाराज जिनका मुल्कों में नाम, जिन घर झूलता हाथी, जिन घर झूलता हाथी, उण घर दिया ना बाती, भरिया सिंदड़ा में तेल जासे रच्यो है सब खेल, जल रही दिया री बाती, जल रही दिया री बाती, जैसा ओसरा मोती, खुट गया सिंदड़ा रो तेल, बिखर गया सब नज खेल, बुझ गई दिया री बाती, बुझ गई दिया री बाती, जैसा ओसरा मोती, मतकर माया को अहंकार, मतकर काया को अभिमान, काया गार से काची,
Prahlad Singh Tipaniya Bhajan Lyrics in Hindi
काया गार से काची रे।
ये तो लालों मैं का लाल, तेरा कौन क्या हवाल, जिनको जम ले जासी, जिनको जम ले जासी, जैसा ओसरा मोती, मतकर माया को अहंकार, मतकर काया को अभिमान, काया गार से काची, काया गार से काची रे।
झूठा माय थारा बाप, झूठा सकल परिवार, झूठी कूटता छाती, जैसा ओसरा मोती। मतकर माया, मतकर माया को अहंकार,
मतकर काया को अभिमान, काया गार से काची, काया गार से काची रे।
बोल्या भवानीनाथ गुरूजी ने सिर पे धरिया हाथ, जासे मुक्ति हो जासी, जैसा ओसरा मोती, मतकर माया को अहंकार, मतकर काया को अभिमान, काया गार से काची, काया गार से काची रे।
मतकर माया को अहंकार, मतकर काया को अभिमान, काया गार से काची, काया गार से काची रे।
मतकर माया को अहंकार II Mat Kar Maya Ko Ahankar II by Prahlad Singh Tipanya II Live Program
Bhajan by : Sant Kabir Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya chours : Ashok Tipaniya Violin : Devnarayan Saroliya Dholak : Ajay Tipaniya Harmonium : Dharmandra Tipaniya Video: Wangyal Stills: Amit Tirkey Sound editing : Peeter Jamra Program Venue : MRA Centre Punchguni
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।