नाचेंगें हम सब जगराते में

नाचेंगें हम सब जगराते में

मैया बुलाले नवराते में नवराते में,
नाचेंगें हम सब जगराते में,
माँ की मूरत वस गई आंखों में,
नाचेंगें हम सब जगराते में।

परदेसी हूं पर बुला ना पाऊं,
माँ के दर जाना तो मैं भी चाहू,
बालक समझ माँ मुझे डांट दे,
संदेशा ये ओरो को बांट दे,
चिठ्ठी लगी अब के हाथो में,
नाचेंगें हम सब जगराते में।

चढाई चढते भगत गाने लगे,
दर्शन के ये सब दीवाने लगे,
चुनड़ी मंगवाई है जयपुर से,
इस को चढ़ायेंगे मां के दर पे,
पावन अवसर लग गया हाथों में,
नाचेंगें हम सब जगराते में।

मंदिर में घुस के दिल ये कहे,
सिर मेरा माँ के चरणों में रहे,
ऐसी ममता ना पाई कही,
मन करता सुनील रह जाऊ यही,
मैया के इस नवराते में,
नाचेंगें हम सब जगराते में।

मैया बुलाले नवराते में नवराते में,
नाचेंगें हम सब जगराते में,
माँ की मूरत वस गई आंखों में,
नाचेंगें हम सब जगराते में।
मैया बुलाले नवराते में नवराते में,
नाचेंगें हम सब जगराते में,
माँ की मूरत वस गई आंखों में,
नाचेंगें हम सब जगराते में।


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