माँ के चरणों में ही तो वो जन्नत होती भजन
माँ के चरणों में ही तो वो जन्नत होती है भजन
(मुखड़ा)
जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के चरणों में ही तो,
वो जन्नत होती है,
फीके लगते चाँद-सितारे,
फीके लगते चाँद-सितारे,
भी माँ तेरे आगे,
बार-बार मैं वारि जाऊं,
नज़र कहीं ना लगे,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
(अंतरा)
ममता की तू खान है मैया,
तेरा ना कोई मोल,
माँ-बेटे का रिश्ता सबसे,
होता है अनमोल,
बेटा जो भूखा हो तो माँ,
बेटा जो भूखा हो तो माँ,
को भी कुछ ना भाए,
ना जाने किस रूप में मैया,
उसकी भूख मिटाए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
बेऔलाद जब कोई,
बेटा नीर बहाए,
जगदंबा की चौखट पर,
अपना दामन फैलाए,
खुशियों से दामन भर दे,
गोदी में लाल खिलाए,
खुशियों से दामन भर दे,
गोदी में लाल खिलाए,
या तो खुद माँ बनके बेटी,
उसके घर आ जाए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
माँ महिमा युगों-युगों तक,
कभी लिखी ना जाए,
मेरी माँ जब भी मुस्काती,
जगजननी दिख जाए,
ये ममता का आँचल मैया,
ये ममता का आँचल मुझसे,
दूर कभी ना जाए,
माँ का कर्ज ना उतर सके,
ये बात प्रकाश बताए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के चरणों में ही तो,
वो जन्नत होती है,
फीके लगते चाँद-सितारे,
फीके लगते चाँद-सितारे,
भी माँ तेरे आगे,
बार-बार मैं वारि जाऊं,
नज़र कहीं ना लगे,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के चरणों में ही तो,
वो जन्नत होती है,
फीके लगते चाँद-सितारे,
फीके लगते चाँद-सितारे,
भी माँ तेरे आगे,
बार-बार मैं वारि जाऊं,
नज़र कहीं ना लगे,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
(अंतरा)
ममता की तू खान है मैया,
तेरा ना कोई मोल,
माँ-बेटे का रिश्ता सबसे,
होता है अनमोल,
बेटा जो भूखा हो तो माँ,
बेटा जो भूखा हो तो माँ,
को भी कुछ ना भाए,
ना जाने किस रूप में मैया,
उसकी भूख मिटाए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
बेऔलाद जब कोई,
बेटा नीर बहाए,
जगदंबा की चौखट पर,
अपना दामन फैलाए,
खुशियों से दामन भर दे,
गोदी में लाल खिलाए,
खुशियों से दामन भर दे,
गोदी में लाल खिलाए,
या तो खुद माँ बनके बेटी,
उसके घर आ जाए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
माँ महिमा युगों-युगों तक,
कभी लिखी ना जाए,
मेरी माँ जब भी मुस्काती,
जगजननी दिख जाए,
ये ममता का आँचल मैया,
ये ममता का आँचल मुझसे,
दूर कभी ना जाए,
माँ का कर्ज ना उतर सके,
ये बात प्रकाश बताए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के चरणों में ही तो,
वो जन्नत होती है,
फीके लगते चाँद-सितारे,
फीके लगते चाँद-सितारे,
भी माँ तेरे आगे,
बार-बार मैं वारि जाऊं,
नज़र कहीं ना लगे,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है।।
Mannat | मन्नत | Latest Mata Bhajan | माँ के चरणों में ही तो जन्नत होती है | by Prakash Mishra
Song: Mannat
Singer: Prakash Mishra - 7003365220
Music: Sohail Hassan Mullick
Studio : Scarlet
Lyricist: Prakash Mishra