पापा घर के मंदिर जो है वो मूरत किस की है

पापा घर के मंदिर जो है वो मूरत किस की है

पापा घर के मंदिर जो है,
वो मूरत किस की है,
अष्ट बुजाये चंचल नैना,
भोली सूरत किस की है,
पापा घर के मंदिर जो है,
वो मूरत किस की है।

बैठो मेरे पास ओ बेटा,
तुम को सब बतलाता हूं,
मेहरो वाली माँ की पावन,
महिमा तुम्हे सुनाता हूं,
ध्यान लगा के मीठी मीठी,
ताली मेरे साथ बजाना,
जो मैं बोलू सचे मन से,
मेरे संग संग में तुम भी गाना।

मन में इस के ममता भारी,
सब पर प्यार लुटाती है,
सुख साधन ये सब को देती,
मैया ये वर दाती है,
मैं भी मन से जो भी मांगू,
इस के डर से पाता हूं,
मेहरो वाली माँ की पावन,
महिमा तुम्हे सुनाता हूं।

भक्तों की ये भोली माँ है,
देवों की महारानी है,
इसकी करुणा से ही पाता,
हर कोई दाना पानी है,
तुम भी अब से यही कहना,
इसका दिया ही खाता हूं,
मेहरो वाली माँ की पावन,
महिमा तुम्हे सुनाता हूं।

सागर कहता मन से माँ की,
जो भी करता भक्ति है,
संकट कोई पास न आये,
ऐसी देती शक्ति है,
तुम भी माँ का ध्यान लगाना,
तुम को मैं समझाता हूं,
मेहरो वाली माँ की पावन,
महिमा तुम्हे सुनाता हूं।

पापा घर के मंदिर जो है,
वो मूरत किस की है,
अष्ट बुजाये चंचल नैना,
भोली सूरत किस की है,
पापा घर के मंदिर जो है,
वो मूरत किस की है।
पापा घर के मंदिर जो है,
वो मूरत किस की है,
अष्ट बुजाये चंचल नैना,
भोली सूरत किस की है,
पापा घर के मंदिर जो है,
वो मूरत किस की है।


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