सखी री मेरो बिगड़ गयो भरतार लिरिक्स Sakhi Ree Mero Bigad Bhartar Lyrics, Sakhi Ree Mero Bigad Gayo Bhartar Lyrics
सखी री मेरो,बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से ,
रोज घुटावे से ,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से।
कच्ची कच्ची भांग मंगावे,
दूध और चीनी मिलावे,
पी के रहवे टली,
फिर भी नहीं बतावे से,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से।
सावन के मेले में,
भक्तों के संग धूम मचावे,
पी के भंगियाँ आप साथ में,
सबने पिलावे से,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से।
रात दिना पी के आवे,
तन पे भस्म रमावे,
ताण्डव करे सखी,
दुनिया गबरावे से ,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से।
भोला मने सतावे रूठ के,
पर्वत यो चढ़ जावे,
विक्रम दीपा इसे मनावे,
कोन्या माने ये,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से।
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से ,
रोज घुटावे से ,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से।
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से ,
रोज घुटावे से ,
सखी री मेरो,
बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज घुटावे से।