भोले नाथ का मैं बंजारा, छोड़ दिया मैंने जग सारा, पता बता दो नील कंठ का, मैं जाऊं शिव धाम, के मुझे कही नहीं जाना, शिव का मैं हूं सवाली।
भटक रहा हु जंगल जंगल, छोड़ दिया है मैंने अन्न जल, जब तक भोले नहीं मिलेगे, करू नहीं आराम, के मुझे कही नहीं जाना, शिव का मैं हूं सवाली।
शिव सेवक हूं मैं मत वाला, बाबा मेरा देव निराला, ढूंढत ढूँढत शिवशंकर को, सुबह से हो गई श्याम, के मुझे कही नहीं जाना, शिव का मैं हूं सवाली, शिव का मैं हूं सवाली।
यो भी मिला है मुझे हाथ से, काम करूगा दोनों हाथ से, पैरों की उपकार में, उसका मानूगा आठों याम , के मुझे कही नहीं जाना, शिव का मैं हूं सवाली।
भोले नाथ का मैं बंजारा, छोड़ दिया मैंने जग सारा, पता बता दो नील कंठ का, मैं जाऊ शिव धाम, के मुझे कही नहीं जाना, शिव का मैं हूं सवाली, शिव का मैं हूं सवाली।
भोले नाथ का मैं बंजारा, छोड़ दिया मैंने जग सारा, पता बता दो नील कंठ का, मैं जाऊं शिव धाम, के मुझे कही नहीं जाना, शिव का मैं हूं सवाली।
New Shiv Ji Bhajan - शिव का मैं हुँ सवाली - Bhole Baba Devotional Bhajan - Tarun Sagar