श्री श्याम धनी का तू होजा क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है Shri Shyam Dhani Ka Tu Ho Ja Lyrics
श्री श्याम धनी का तू होजा क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है Shri Shyam Dhani Ka Tu Ho Ja Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan
श्री श्याम धनी का तू होजा,क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है,
कुछ भी ना संग तेरे जाना,
सब माल यही पे रह जाना है,
क्यों बात समझ नही पाता है,
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है।
मतलब के है ये रिश्ते,
मतलब के है सब नाते,
सुख के है सब साथी,
दुख में न संग निभाते,
श्री श्याम से प्रीत लगा अपनी,
क्यों दर दर धक्के खाता है,
कुछ भी ना संग तेरे जाना,
सब माल यही पे रेह जाना है,
क्यों बात समझ नही पाता है,
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है।
धन रुपिया और ये दोलत,
कुछ काम न आयेगा,
करमो का फल ही प्यारे,
तेरे साथ में जायेगा,
श्री श्याम सुमीर कर कर्म,
भले क्यों बंदे देर लगाता है,
कुछ भी न संग तेरे जाना,
सब माल यही पे रह जाना है,
क्यों बात समझ नही पाता है,
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है।
श्री श्याम नाम पावन,
जो लोग जपा करते है
दुख और संकट उनके,
सन्मुख आके डरते है,
यमराज भी ना उस और चले,
जिसे अपना श्याम बनाता है,
कुछ भी न संग तेरे जाना,
सब माल यही पे रह जाना है,
क्यों बात समझ नही पाता है,
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है।
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है,
कुछ भी ना संग तेरे जाना,
सब माल यही पे रह जाना है,
क्यों बात समझ नही पाता है,
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है।
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है,
कुछ भी ना संग तेरे जाना,
सब माल यही पे रह जाना है,
क्यों बात समझ नही पाता है,
श्री श्याम धनी का तू होजा,
क्यों व्यर्थ ये उम्र गंवाता है।